Swati Sharma

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वार्षिक प्रतियोगिता कविता 5:- संगीत

वार्षिक प्रतियोगिता

 कविता 5:- संगीत:-

सांसों से जो धुन सजाए,
प्रेम की मुरली जो सुनाए,
दुःखी मन की जो व्यथा बताए,
सोए को जो फिर से जगाए,
हार को जो जीत दिलाए,
मिलन की जो आस जगाए,
बिछड़े प्रेमी जो मिलाए,
पाने की जो हसरत जगाए,
भटके को जो राह दिखाए,
आंखों से जो आंसू चुराए,
हौंसले की जो चमक जगाए,
देशप्रेम की अलख जगाए,
भक्ति की जो ज्योत जलाए,
सात सुरों को जो मोतियों-सा सजाए,
वो है संगीत, वो है संगीत, वो है संगीत।

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2 Comments

Seema Priyadarshini sahay

04-Mar-2022 04:56 PM

बहुत खूब

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Swati Sharma

04-Mar-2022 09:49 PM

शुक्रिया

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